Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan 2025 – युवाओं को स्वरोजगार की ओर बढ़ाने वाली योजना

Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan 2025: युवाओं के सपनों को दें उड़ान

“हर कदम उद्यमिता की ओर, हर युवा आत्मनिर्भरता की ओर” – यही है Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan की मूल भावना। यह योजना विशेष रूप से उन युवाओं के लिए शुरू की गई है जो अपने दम पर कुछ बड़ा करना चाहते हैं, लेकिन पूंजी की कमी, प्रशिक्षण की आवश्यकता या सरकारी सहयोग की कमी के कारण पीछे रह जाते हैं।

इस योजना की विशेषताएं क्या हैं?

👉 युवाओं को स्वरोजगार के अवसर:
हर साल 1 लाख युवाओं को रोजगार का अवसर देने का लक्ष्य रखा गया है, जो 10 वर्षों में 10 लाख युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा।

👉 वित्तीय सहायता:
5 लाख रुपए तक के प्रोजेक्ट्स पर 100% ब्याज मुक्त व बिना गारंटी के ऋण दिया जाएगा।

👉 10% मार्जिन मनी की सहायता:
योजना लागत पर 10% तक की मार्जिन मनी सरकार द्वारा दी जाएगी ताकि युवाओं को शुरुआत में पूंजी जुटाने में कोई समस्या न हो।

👉 प्रशिक्षण और मार्गदर्शन:
ITI, कंप्यूटर, या अन्य कौशल आधारित प्रमाणपत्र रखने वाले युवाओं को प्राथमिकता दी जाती है। साथ ही व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक रिपोर्ट और मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराया जाता है।


योजना का उद्देश्य क्या है? (Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan 2025)

  • बेरोजगारी को कम करना

  • युवाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना

  • आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम

  • ग्रामीण और शहरी युवाओं को समान अवसर देना


युवाओं को मिलेगा क्या?

✅ मार्गदर्शन
✅ वित्तीय सहायता
✅ सरकारी मान्यता
✅ स्टार्टअप में मदद
✅ आत्मविश्वास


योजना का संदेश (Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan 2025)

“युवाओं के सपनों को लगेंगे पंख, Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan के संग।”

यह योजना न सिर्फ एक वित्तीय सहयोग है, बल्कि युवाओं के आत्मबल, उनके भविष्य और उनके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में उठाया गया एक मजबूत कदम है।

योजना की मुख्य बातें – विस्तृत विवरण


 प्रति वर्ष 1 लाख युवाओं को तथा 10 वर्षों में कुल 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार के अवसर

इस योजना का पहला और सबसे प्रमुख लक्ष्य है हर साल एक लाख युवाओं को स्वरोजगार का मौका देना। दस वर्षों के भीतर इस योजना के माध्यम से कुल दस लाख युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। यह लक्ष्य न केवल रोजगार को बढ़ावा देगा बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी बल देगा।

सरकार इन युवाओं को व्यवसाय प्रारंभ करने, स्वरोजगार योजनाओं में भाग लेने और अपने उद्यमों को स्थापित करने के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी। इससे बेरोजगारी की समस्या में काफी हद तक कमी आ सकती है।

Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan 2025Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan 2025


 आयु सीमा 21 से 40 वर्ष, न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 8वीं पास और कौशल प्रशिक्षण प्रमाण पत्र अनिवार्य

इस योजना के अंतर्गत पात्रता के लिए युवाओं की आयु सीमा 21 से 40 वर्ष के बीच रखी गई है। यह आयु वर्ग सबसे ज्यादा नौकरी और रोजगार की तलाश में रहता है।

इसके साथ ही, न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 8वीं कक्षा पास होना अनिवार्य है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्यक्ति के पास बेसिक शिक्षा है और वह स्वरोजगार के लिए आवश्यक निर्देशों को समझ सके।

इसके अलावा, मान्यता प्राप्त संस्थान से कौशल प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र भी जरूरी है। यह शर्त इसलिए रखी गई है ताकि लाभार्थी किसी एक विशेष क्षेत्र में दक्षता प्राप्त कर चुके हों – जैसे कि ब्यूटी पार्लर, सिलाई, कम्प्यूटर, ऑटोमोबाइल, कृषि आधारित उद्योग आदि।


 ₹5 लाख तक के उद्योग/सेवा परियोजनाओं पर 100% ब्याज मुक्त और बिना गारंटी के ऋण

इस योजना की सबसे आकर्षक विशेषता यह है कि लाभार्थियों को ₹5 लाख तक का ऋण मिलेगा, वह भी बिना किसी गारंटी के। साथ ही, इस ऋण पर कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा, यानी यह 100% ब्याज मुक्त ऋण होगा।

यह पहल खासकर गरीब एवं मध्यमवर्गीय युवाओं के लिए लाभकारी है जो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं, लेकिन उनके पास कौशल है और वे स्वयं का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। गारंटी न होना उन युवाओं के लिए बड़ा सहारा है जिनके पास संपत्ति या कोलैटरल नहीं है।

इस ऋण का उपयोग करके युवा विभिन्न क्षेत्रों में अपने व्यवसाय जैसे – मोबाइल रिपेयरिंग शॉप, ब्यूटी पार्लर, ट्रैक्टर सर्विस, ऑनलाइन सर्विस सेंटर, कृषि उपकरण किराए पर देने जैसे स्टार्टअप्स शुरू कर सकते हैं।


 परियोजना लागत पर 10% मार्जिन मनी अनुदान

मार्जिन मनी अनुदान एक प्रकार की वित्तीय सहायता है, जिसे सरकार व्यवसाय शुरू करने के लिए शुरुआती पूंजी के रूप में देती है। इस योजना में परियोजना लागत का 10% तक अनुदान सरकार द्वारा दिया जाएगा, जिसे लाभार्थी को वापस नहीं करना होगा।

उदाहरण के तौर पर, यदि किसी परियोजना की कुल लागत ₹2 लाख है, तो सरकार ₹20,000 की सहायता राशि सीधे लाभार्थी के खाते में प्रदान करेगी। इससे व्यवसाय शुरू करने में वित्तीय दबाव कम होगा और युवा बिना किसी बड़ी पूंजी के अपने पैरों पर खड़े हो सकेंगे।

पात्रता की शर्तें – विस्तारपूर्वक विवरण (Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan 2025)

किसी भी सरकारी योजना के अंतर्गत आवेदन करने से पहले यह जरूरी होता है कि आवेदक योजना की पात्रता शर्तों को पूरा करता हो। जिनके आधार पर तय किया जाएगा कि कौन इस स्वरोजगार योजना का लाभ ले सकता है। आइए इन शर्तों को एक-एक करके विस्तार से समझते हैं:Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan 2025

Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan 2025Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan 2025


 आयु: 21 से 40 वर्ष

इस योजना में वही युवा आवेदन कर सकते हैं जिनकी आयु कम से कम 21 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष है। यह आयु सीमा इसलिए निर्धारित की गई है क्योंकि यह आयु वर्ग सबसे अधिक ऊर्जावान, नवाचार के प्रति उत्सुक और आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर होता है।

21 वर्ष की उम्र के बाद आमतौर पर व्यक्ति अपनी पढ़ाई पूरी कर चुका होता है और व्यवसाय या नौकरी की तलाश में होता है। वहीं 40 वर्ष की अधिकतम सीमा इसलिए रखी गई है ताकि योजना उन लोगों को ही लाभ दे जो अब भी कार्यक्षमता के चरम पर हों और स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ा सकते हों।


 शैक्षणिक योग्यता: न्यूनतम 8वीं पास या समकक्ष

इस योजना के लिए कम से कम 8वीं कक्षा पास होना जरूरी है। इसका कारण यह है कि किसी भी व्यवसाय को शुरू करने और सरकारी योजना से जुड़े दस्तावेजों, शर्तों को समझने के लिए बुनियादी शिक्षा का होना आवश्यक है।

हालांकि उच्च शिक्षा की आवश्यकता नहीं है, लेकिन 8वीं कक्षा तक की शिक्षा यह सुनिश्चित करती है कि आवेदक को सामान्य गणना, पठन-पाठन और योजना संबंधी जानकारी को समझने में कठिनाई न हो। समकक्ष योग्यता का भी इसमें स्वीकार किया गया है ताकि वैकल्पिक माध्यमों से पढ़ाई करने वाले युवा भी पात्र हो सकें।


 मान्यता प्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से कौशल संबंधी प्रमाणपत्र, डिप्लोमा, या डिग्री

सिर्फ शैक्षणिक योग्यता पर्याप्त नहीं है – स्वरोजगार योजना में शामिल होने के लिए किसी मान्यता प्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से प्राप्त कौशल प्रमाणपत्र, डिप्लोमा या डिग्री भी अनिवार्य है।

इसका उद्देश्य यह है कि आवेदक जिस व्यवसाय या सेवा में उद्यम करना चाहता है, उसमें उसने तकनीकी या व्यावसायिक प्रशिक्षण लिया हो। उदाहरण के लिए, यदि कोई युवक इलेक्ट्रिशियन के रूप में काम शुरू करना चाहता है, तो उसके पास उस क्षेत्र से संबंधित डिप्लोमा या प्रमाणपत्र होना चाहिए।

इससे सरकार यह सुनिश्चित करती है कि प्रदान किया गया ऋण सही हाथों में जा रहा है और उपयोगकर्ता व्यवसाय को सुचारु रूप से चला सकेगा।


 किसी अन्य केंद्र या राज्य सरकार की योजना (ब्याज या पूंजी घटक वाली) का लाभ नहीं लेना चाहिए – सिवाय पीएम स्वनिधि योजना के

यह बहुत महत्वपूर्ण शर्त है। यदि आवेदक पहले से किसी अन्य केंद्र या राज्य सरकार की योजना का लाभ ले रहा है, जिसमें ब्याज सब्सिडी या पूंजी सहयोग शामिल हो, तो वह इस योजना के लिए पात्र नहीं होगा।

इसका उद्देश्य यह है कि एक व्यक्ति को एक ही प्रकार की सरकारी सहायता दोहराव में न मिले, ताकि अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं से लाभान्वित हो सकें।

हालांकि, पीएम स्वनिधि योजना को अपवाद के रूप में शामिल किया गया है। यानी यदि आवेदक पहले से पीएम स्वनिधि योजना का लाभ ले रहा है, तो वह फिर भी इस योजना के लिए पात्र रहेगा।

योजना हेतु आवश्यक दस्तावेज – विस्तृत जानकारी (Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan 2025)

सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वरोजगार योजनाओं में आवेदन करने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों की मांग की जाती है, जो आवेदक की पहचान, योग्यता, निवास, तथा परियोजना की सत्यता सुनिश्चित करते हैं। नीचे दिए गए चित्र में सभी ज़रूरी दस्तावेजों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है: कौशल दस्तावेज, परियोजना दस्तावेज, और स्वयं दस्तावेज। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:


 कौशल दस्तावेज

Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan २०२५ इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करना है, और इसके लिए उनके पास किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कौशल प्रशिक्षण होना अनिवार्य है। इसमें शामिल हैं:

  • कौशल प्रमाणपत्र / प्रशिक्षण प्रमाणपत्र: यह प्रमाणित करता है कि आवेदक ने किसी विशेष कार्यक्षेत्र में प्रशिक्षित किया है।

  • कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रमाणपत्र: अगर आवेदक ने कंप्यूटर में कोई कोर्स या स्किल सीखी है, तो उसका प्रमाणपत्र भी आवश्यक है।

  • ITI से प्राप्त प्रशिक्षण: औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से जो प्रशिक्षण प्राप्त किया गया हो, वह भी मान्य है।

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लाभार्थी स्वरोजगार के लिए आवश्यक तकनीकी और व्यावसायिक जानकारी से लैस हो।

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 परियोजना दस्तावेज

स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ऋण प्राप्त करने के लिए परियोजना की स्पष्ट योजना और दस्तावेजी विवरण जरूरी होता है। इसमें शामिल हैं:

  • परियोजना रिपोर्ट: इस रिपोर्ट में व्यवसाय का विवरण, लागत अनुमान, संभावित मुनाफा, संसाधनों की आवश्यकता आदि का ब्यौरा होता है।

  • GST (वैकल्पिक): अगर परियोजना ऐसी है जिसमें जीएसटी पंजीकरण आवश्यक हो, तो यह दस्तावेज जोड़ा जा सकता है।

  • उधम (वैकल्पिक): MSME या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में पंजीकरण का प्रमाणपत्र – जिसे उधम रजिस्ट्रेशन भी कहा जाता है – वैकल्पिक रूप से प्रस्तुत किया जा सकता है।

परियोजना दस्तावेज यह सिद्ध करते हैं कि आवेदक के पास व्यवसाय के लिए एक स्पष्ट रणनीति और योजना है।


 स्वयं दस्तावेज (Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan 2025)

यह श्रेणी उन दस्तावेजों की है जो व्यक्ति की पहचान, निवास, बैंकिंग विवरण, और वैयक्तिक जानकारी को प्रमाणित करती है। इसमें शामिल हैं:

  • पैन कार्ड: वित्तीय पहचान के लिए अनिवार्य।

  • निवास प्रमाणपत्र: पार्षद, ग्राम प्रधान, या वार्ड मेंबर द्वारा प्रमाणित यह दस्तावेज यह बताता है कि आवेदक कब से और कहां निवास कर रहा है।

  • बैंक संपर्क इतिहास: जिस बैंक शाखा में आवेदक का खाता है, उसकी पासबुक की पहली पृष्ठ की प्रति।

  • नोटरी द्वारा प्रमाणित शपथ पत्र: स्वयं की घोषणा जिसमें योजना की शर्तें स्वीकार की जाती हैं।

  • शैक्षणिक योग्यता प्रमाणपत्र: कम से कम 8वीं कक्षा पास का प्रमाण।

  • आयु प्रमाणपत्र: उम्र की पुष्टि के लिए आधार, जन्म प्रमाणपत्र आदि।

  • हस्ताक्षर: फॉर्म या आवेदन में मान्यता के लिए आवश्यक।

  • फोटो: हाल ही में खींची गई पासपोर्ट साइज़ फोटो।

इन दस्तावेजों के बिना आवेदन प्रक्रिया पूरी नहीं मानी जाएगी और योजना के तहत लाभ प्राप्त करना संभव नहीं होगा।

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